मंगलवार रात वसुंधरा राजे ने एक के बाद एक ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र में पेयजल संकट को लेकर प्रशासन को चेतावनी दी। उन्होंने जल जीवन मिशन का जिक्र करते हुए अधिकारियों से अपनी विधानसभा क्षेत्र में हुए खर्च का हिसाब भी मांगा।
राजे ने पहले ट्वीट में सवाल उठाया, "क्या प्यास सिर्फ अफसरों को ही लगती है?" उन्होंने कहा कि गर्मी में पेयजल संकट के कारण लोग परेशान हैं, जबकि अफसर तृप्त हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पानी कागजों में नहीं, बल्कि लोगों तक पहुंचना चाहिए। इसके बाद, उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत प्रधानमंत्री द्वारा जारी 42 हजार करोड़ रुपये का जिक्र करते हुए पूछा कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का क्या हुआ।
राजे का यह ट्वीट भाजपा के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है, क्योंकि अब पेयजल संकट और जल जीवन मिशन पर उठाए गए सवाल सरकार के लिए चुनौती बन सकते हैं। सीनियर जर्नलिस्ट अंकित तिवाड़ी का कहना है कि राजे का यह ट्वीट सीधे तौर पर सरकार को निशाना तो नहीं बनाता, लेकिन इससे सरकार की योजनाओं और संकट समाधान की क्रियान्वयन पर सवाल उठते हैं।
इस बयान से कांग्रेस को सरकार के खिलाफ घेराबंदी करने का एक बड़ा मौका मिल सकता है।
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