उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार दो साल आठ महीने बाद न्याय मिला, जब कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को हत्या, साक्ष्य मिटाने, छेड़छाड़ और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत दोषी करार दिया। 19 वर्षीय अंकिता, जिसे पहली नौकरी में महज 20 दिन भी नहीं हुए थे, उस पर आरोपियों द्वारा अनैतिक कार्यों के लिए दबाव डाला जा रहा था, और विरोध करने पर 18 सितंबर 2022 को उसकी हत्या कर शव को चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया। यह मामला राज्यभर में जनआक्रोश का कारण बना था, और जनता लगातार सख्त सजा की मांग कर रही थी। इस केस की सुनवाई 30 जनवरी 2023 से शुरू हुई थी और अभियोजन पक्ष ने 500 पन्नों की चार्जशीट के साथ 47 गवाह पेश किए थे। आज कोर्ट के फैसले को लेकर कोटद्वार में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जहां धारा 144 लागू रही और सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। इस ऐतिहासिक फैसले से अंकिता को आंशिक न्याय जरूर मिला है, लेकिन अब पूरे राज्य में दोषियों को फांसी देने की मांग तेज हो गई है।
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